कर्म योनियां क्या होती है हिंदी / karame।yoniya kya hoti hai hindi
कर्मो की योनियां तीन तरह की होती है। पहली कर्म योनि दूसरी भोग योनि और तीसरी उभय योनि। दूसरी चीज यह है की हिंदू धर्म में आपने सुना होगा या पढ़ा होगा की 84 लाख योनियां होती है। उस योनि में इंसान को अपने कर्मो के अनुसार जीना होता है जिसमे उसको चींटी से लेकर हर तरह के कीड़े से गुजरना होगा साथ ही उसको हर तरह के जानवर का जन्म अपने कर्मो के अनुसार लेना होता है इसलिए हिंदू धर्म में पाप को निषेद माना गया है। पाप को लेकर सबसे ज्यादा मनुष्य को सचेत किया गया है उसका कारण यह है की मनुष्य ही वो प्राणी है जो सोचने की शक्ति रखता है उसको अच्छे बुरे भले का ज्ञान है मनुष्य के अलावा दूसरे जानवर कीड़े मकोड़ों को इस तरह का ज्ञान नहीं होता है। वे अच्छे बुरे का ज्ञान उनको नही होता है। मनुष्य अपनी योनि को उत्तम मनुष्य योनि में ही बना सकता है वह पाप से अपने 84,लाख योनियो की गलतियों से मुक्ति पा।सकता है। प्रभु की शरण में वो जा सकता है बस उसको अपने आप को प्रभु को समर्पित करना होता है।