Berojgari ke karan / बेरोजगारी के कारण
भारत जैसे देश जिसकी आवादी 1अरब 30 करोड़ के लगभग है। इस बढ़ती आवादी में यदि बहुत से फायदे दिखते है तो नुकसान भी बहुत से है। अधिक आवादी के कारण आज हमारी जमीन घट रही है। पहले लोग जमीन लेकर रखते थे। लेकिन आज प्लाट व टुकड़ो में जमीन बट गयी है। यदि हमें अपनी बेरोजगारों को समाप्त करना है तो
हमे अपनी आवादी पर लगाम लगानी होगी।। हमे बेरोजगारी
समाप्त करने के लिये जाती धर्म से उठ कर आगे आना होगा। तभी यह बेरोजगारी समाप्त हो सकती है। बेरोजगारी आज भारत जैसे देश के लिये अभिश्राप बन गयी है। आज हमारी शिक्षा काफी हद तक रोजगारपरक हो गयी है। लेकिन रोजगार की आज भी देश मे कमी है। रोजगारपरक शिक्षा तो हमारे देश मे मिल रही है लेकिन फिर भी हम काफी पीछे है उन देशों से जो वो रोजगार शिक्षा देते है जो
वाकई रोजगार के द्वार बेरोजगारों के लिये खोलती है । यह सब स्टार्टअप से होता है। आज हमारे देश मे भी नये स्टार्टअप तेजी से खुल रहे है वे बेरोजगरो को रोजगार भी दे रहे है। एक दिन ऐसा आएगा जब ये स्टार्टअप दुनिया मे अपना मुकाम बनाये। यही हमारी इच्छा है। बेरोजगारी की शिक्षा देने के लिये हमारे देश मे नये रोजगारपरक शिक्षा देने वाले इंस्टिट्यूट खुल तो गये है। वे शिक्षा भी रहे है। कुछ हद तक शिक्षा के द्वारा भी बेरोजगारी के लिये काम किया जा रहा है। लेकिन यह पूरी तरह से बेरोजगारी को समाप्त नही कर पाएंगे।
बेरोजगारी तभी समाप्त होगी जब ब्यवसायिक शिक्षा हर ब्यक्ति को मिले। ब्यवसायिक शिक्षा के द्वारा वह अपने लिये तो रोजगार पैदा करे साथ हो दुसरो को भी रोजगार दिलाने में मदद हो सके। यह तभी हो सकता है जब
जो ब्यवसायिक शिक्षा हम ले रहे है वह हमको इस लायक बना दे कि हम खुद का निजी ब्यवसाय कर सके। आज हम तभी संतुष्ट होते है जब हमारे पास दूसरे की नॉकरी या सरकारी नॉकरी होती है हमको इस भर्म को तोड़ना होगा।
खुद के रोजगार को महान बताना होगा। सरकार उन लोगो को सम्मान का पात्र बनाये जो खुद का रोजगार बना कर दुसरो को रोजगार देने में मदद करे। इन्ही लोगो को राषटीय
पुरुस्कार भी देने चाहिये। हवा में पुरूकार नही देने चाहिये। अगर कोई भी ब्यक्ति 100 लोगो को रोजगार देने मे सक्षम है उसको बहुत मान सम्मान के साथ स्पेशल छूट सरकार द्वारा देनी चाहिये। ये नही होना चाहिये कि जो रोजगार दे रहा है उसको परेशान किया जा रहा हो किसी कानून या किसी बात को लेकर बल्कि सरकार को चाहिये कि उनके लिये सरल कानून बनाये जाय। ऐसे कानून बनाये जाय जिसमे उनको सभी कार्य घर बैठ कर ही हो जाय। आज बहुत से लोग अपना काम इसलिये नही करते है कि उनको पता है कि अपना काम करना किसी परेशानी से कम नही है। इस परेशानी के कारण लोग ब्यापार करने से कतराते है। इसलिये सरल रूल बेरोजगारी के लिये लाभदायक हो सकते है। बड़ो कंपनीयो को भी सुविधा देनी चाहिये जिससे वे अपना रोजगार बढा सके। यही बेरोजगारी समाप्त कर सकते है।
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