तुलशी के पत्ते देवताओं का वरदान / Tulsi ke patte devtao ka vardan hindi

 तुलशी के पत्ते देवताओं का वरदान / Tulsi ke patte devtao ka vardan hindi

तुलशी का पेड़ व पत्ते मनुष्य के लिये वरदान है। धार्मिक
मान्यताओं के अनुसार तुलशी का विवाह विष्णु भगवान के साथ हुआ था। जो जन हित मे हुआ था। तब से तुलशी को
पूजनीय माना गया है। हिन्दू धर्मलम्बी तुलशी की पूजा करते है। तुलशी विवाह का उत्सव आज भी मनाया  जाता है। तुलशी मनुष्य के लिये किसी वरदान से कम नही है । पहले
जमाने मे सर्दी जुकाम , बुखार की समस्या ही मनुष्य को होती थी। उस समय के लिये तुलशी रामवाण थी । तुलशी के साथ अदरक काली मिर्च डाल कर इसमे पानी मिलाकर गर्म करके जो काढ़ा बनाया जाता था वो उस जमाने से लेकर आज तक सर्दी जुकाम के लिये रामवाण था और आज भी है। बुखार के लिये तुलशी के साथ काली मिर्च बुखार के तपते बदन को लाभ देती है। तुलशी एक बेहतरीन ओषधि है। अधिक जानकारी के लिये नीचे का ब्लॉक पढिये


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