कोरोना (Corona ) कविता
हाय कोरोना हाय
बेशर्म कोरोना हाय
हाय कोरोना हाय
बेशर्म कोरोना हाय।
कोरोना पहले तू
समझदार थी
सर्दी लगती थी
बुखार आता था।
अब तू बेशर्म हो गयी
तूने अपनी इज्जत
मिट्टी में मिलाई
हाय कोरोना हाय।
एक बार हमने तुझे
समझाकर वापिस भेजा था
पर तु बेशर्म फिर भारत मे लॉट कर आयी
तेरी कुत्ते की मौत होगी हाय कोरोना हाय।
कोरोना तू बतमीजी पर
उतर आयी है
बच्चों को भी अपने लपेटे में ले रही है।
तू बेशर्म है कोरोना हाय कोरोना हाय।
कोरोना तेरी खेर नही
हम भारतवाशी
मिलजुल कर
तेरा सर्वनाश करेगे।
कोरोनाअभी तू मजे ले रही है
पर ज्यादा दिन तू जी नही पाएगी
हम भारतवाशी तुझे माफ नही करेगे
तूने अनेक घर उजाड़े है अब मौत ही तेरा ठिकाना होगा।
हाय कोरोना हाय
बेशर्म कोरोना हाय
इंसानों की बेबसी पर
तू मत इठला।
कोरोना तेरा नाश पक्का है
वेक्सीन दुनिया के साथ भारत ने बना ली है
हम तुझे माफ नही करेगे
जो तूने तवाही मचाई। हाय कोरोना हाय।