फटी जीन्स का बयान बना मुसीबत क्यो / Fati jince ka bayan bana musibat kyo hindi uttrakhand

फटी जीन्स और बवाल / Fati since aur bawal hindi

फटी जीन्स का बयान जिसने भी दिया वो कुछ परिपेक्ष में दिया होगा।  लेकिन क्या करे इसका नाम तो राजनीति है । राजनीति तो करनी है। आज  गरीबी के कारण  भारत जैसे देश मे कोई भी फटी जीन्स नही पहन रहा है। अगर कोई पहन रहा है वह  स्त्री पुरुष दोनों पहनते है । उसमें लड़के लडकिया ज्यादा पहनती है । इसका पहनने का कारण  गरीबी या कोई दूसरी चीज नही है । इस चीज का नाम है फेसन । फेसन के चक्कर मे लोग अपने को भी भूल जाते है कि वे क्या है और किस देश और दुनिया मे रह रहे है। उन्हें पता होना चाहिये कि वे देवियों के देश मे रह रहे है।  जहा देवियों की पूजा की जाती है। दूसरा मीडिया को मौका मिल जाता है।  मीडिया सवाल करके  हर चीज को इतना  उछाल देती है की जितना उछालने की जरूरत नही है। हम भारतीय महिलाओं की इज्जत करते है ओर  करते  रहेंगे। इसलिये यदि कोई छोटा सा बयान देता है तो उसको इतना तूल देना ठीक नही। मुझे लगता है शायद यह आम जनता की राय होनी चाहिये। आज  छोटे छोटे लोग भी अपनी सोच रखते तो है लेकिन सोच को सही दिशा में भी सोचना चाहिये। हम सभी भारतीय है चाहे वो  किसी भी धर्म समुदाय से आते है।
इसलिये देश की एकता बनाये रखे। अगर जीन्स पहननी ही है तो वो चाहे लड़का पहनने या लड़की तमीज से पहनने से उसके खुद के आदर्श व घर के आदर्श जो अपने बड़ो से मिले हुए है उनका पता चलता है। इसमें कंगना जी की तस्वीर जीन्स वाली पसन्द आयी।  कृपया फेसन के नाम पर फटे कपड़े कोई भी ना पहने। फटे पुराने कपड़े मजबूरी में पहनना खराब नही है लेकिन यदि यह फेसन के नाते कोई पहनते है तो यह अशुभ है।  इसलिये जीवन मे जब गरीबी नही है तब फटे पुराने कपड़े नही पहनने चाहिए। यह नकारात्मक सोच को दर्शाता है। 


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