परिवार वालो के साथ कैसे आत्म ज्ञान पाया जा सकता है / pariwar walo ke sath kaise aatm gyan paya ja sakta he hindi
आत्मज्ञान एक ऐसा ज्ञान है जिसको परिवार के साथ मिल कर भी पाया जा सकता है। लेकिन उस आत्मज्ञान को देने वाला ब्यक्ति होना चाहिये। जो ब्यक्ति निस्वार्थ होकर सही मार्ग परमात्मा तक मतलब आत्मा तक जो हमारे ह्रदय में विर्धमान है उसको हमको बतला दे कि किस तरह से हम
उस परमात्मा को जो हमारे अंदर ही है जिसको आत्मा के रूप में हम जानते है यदि उस आत्मा के बारे में कोई हमे वो गूढ़ ज्ञान दे जिससे हम अपने को जान सके और पाप जो अनजाने में हमसे हो जाये जाते है उनसे हम बच सकते है।
इस तरह का ज्ञान यदि कोई महापुरुष हमको देता है तो वह
ज्ञानी पुरुष ही होगा। वह यह आत्मज्ञान हमे परिवार के साथ भी दे सकता है। पूरा परिवार भी चाहे तो आत्मज्ञान को जान सकता है। सरल शब्दों में हम आपको बताएंगे कि आत्म ज्ञान क्या है। आत्मज्ञान वो गूढ़ रहस्य है जिससे हम
अनजाने में जो पाप कर जाते है ओर उन पापों को क्षमा भी हम नही मांग पाते है। ऐसे अनेको पाप हमसे अपने जीवन मे हो जाते है। उन पापों से छुटकारा दिलवाने के लिये आत्मज्ञान जरूरी है। यदि तुम्हारे पास आत्मज्ञान है तो इसका मतलब है कि तुमने अपनी अशुद्धपन जो चिन्त से आत्मा में आ रहा था । उसका फ़िल्टर कर लिया। जो कि अपने आप मे बहुत बड़ी बात है।
आत्मा की शुद्धता में मोह एक रुकावट / Atma ki shishya me moh ek rukawat hindi
आत्मा की शुद्धता में मोह एक बड़ी रुकावट है। हमे अपने जीवन मे ऐसा सद्गुगुरु चाहिये जो हर किस्म के मोह के बंधन से छुटकारा दिलवा दे। यह आसान तो नही है लेकिन यदि हम सदगुरु के बताये मार्ग पर चलते है तो एक दिन जरूर है मोह से वे छुटकारा दिलवा देगे। अब आप सोच रहे होंगे कि आत्मा की शुद्धता में मोह कैसे रुकावट है । मोह ऐसे रुकावट है कि मोह के वश ही हम पाप कर्म कर जाते है। समझो कि मोह वश ही हम किसी का सामान कम कीमत में देने को उसको बाध्य करते है। मोह के कारण ही हम झूट बोलते है। झूट बोल कर किसी से ज्यादा पैसा की डिमांड करते है। मोह वश ही हम सरकारी नॉकरी में घुस लेते है। क्योंकि हम अपनी औलादों और उससे पहले अपना पूरा करना चाहते है जो सब मोह वश ही होता है। यदि मोह कम हो जाय तो आत्मा जो चित्त के द्वारा शुद्ध होती है वो अपने आप शुद्ध हो जाएगी। उसमे जब अच्छे विचार आएंगे तो वह पाप जैसे कर्म से दूर हो जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि पाप कर्मों से आप अपने को अपने परिवार वालो को बचाये। ओर इस तरह के हमारे लेख जो आपके लिये ही लिखे गये है उनका मनन करे। इससे भी बहुत कुछ आत्मा पर असर पड़ेगा और वह शुद्ध हो जाएगी।
आत्मा की शुद्धता में वासना रुकावट / Aatma ki shishya me vasna ( sex) rukawat hindi
आत्मा की शुद्धता में कामवासना एक बड़ी रुकावट है ।
हम अपनी कामवासना पर विजय पा लेते है जो इतना आसान नही लेकिंन हम कोशिश कर सकते है । काम
वासना ही मनुष्य को पथ भर्स्ट करती है। हम यदि अपनी
आत्मा को शुद्ध करना चाहते है तो हमे काम वासना पर
विजय पानी होगी। काम वासना की वजह से हम झूट बोलते है। काम वासना की वजह से ही आज देश मे अनेक पाप हो रहे है। छोटी सी बालिकाओं के साथ भी धटनाये हो जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि उसमे अपराधियो को सहयोग
देने वाले भी मिल जाते है। पता नही ये लोग जो उनको सहयोग कर रहे है पता नही कोंन से पाप ये अपने जीवन मे भुगतेंगे। इनकी आत्मा पापमय हो गयी है। जो कभी शुद्ध नही हो सकती है। यह तभी शुद्ध हो सकती है जब वे अपना
अपराध स्वीकार कर ले।
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