माता पिता और गुरुओं के पैर छूने के लाभ विस्तार से जाने / mata pita sur guruo ke pair chhune ke labh vistar se jane hindi

माता पिता और गुरुओं के पैर छूने के लाभ विस्तार से  जाने/ Mata pita sir guruo ke pair chhune ke labh Vistar se jane hindi

माता पिता को देवतुल्य शास्त्रो में कहा गया है। पहला गुरु पिता को ही कहा गया है। शास्त्रो में  गुरु का वर्णन इस प्रकार किया गया है।                                                  गुरु ब्रह्मा गुरु विश्णु गुरु देवो महेश्वर  गुरु साक्षात        परम् ब्रह्म तस्मे  श्री गुरुवेह नमः 

माता पिता जिन्होंने हमे जन्म दिया है। वही हमारे भाग्य
विधाता है। भगवान को हम देख नही सकते है। लेकिन
जिन्होंने हमे जन्म दिया है वे हमारे सामने है।इससे बड़ी 
बात क्या हो सकती है कि जिसने जन्म दिया है और जो हमारा लालन पालन कर रहा है । वह हमारे सामने है।
मातापिता ही है जो बड़े लड़ प्यार से अपने बच्चे को पालते है।  बच्चे ही होते है जो हमारी पीढ़ी को आगे बढ़ाते है।
इस लिये अपने माता पिता के पैर एक संस्कारी बच्चे की तरह छूने चाहिये। 

माता पिता  और गुरु के पैर छूने के लाभ / mata pita aur guru ke pair chhuna ke labh
यदि आप अपने मातापिता के पैर छूते है तो आपको
दुनिया तारीफ करेगी। सब आपको संस्कारी बालक
कहेंगे। यदि आप मातापिता के पैर छू रहे है तो इसमें
भी गौरव आपका ही है। कल को माता पिता का कुछ कमाया है तो वो भी आपका ही है। नही कमाया है तो कोई
बात नही आप खुद भी कम सकते है। धन ही तो कमाना है।
कुछ भी करके उपार्जन कर सकते है। उसके लिये सबसे पहले पढ़ाई कीजिये।  आजकल गुरुकुल तो है नही स्कूल
है । स्कूल में गुरुओं का सम्मान जरूर करना चाहिये। गुरुओं
का सम्मान करने से वे  आपको अपनी पूरी शिक्षा देने की कोशिश करते है। हमनये ये देख है। लेकिन उसके लिये गुरु का ज्ञानी होना जरूरी होता है। विषय पर उसकी पकड़ होनी चाहिये।  विषय पर पकड़ कमजोर भी है तो फिर भी गुरु तो गुरु होता है उज़क सम्मान करना चाहिये। गुरु के पैर छू सकते है। यदि आप आज के जमाने मे गुरु के पैर छूते है तो यह गुरु और आपके दोनों के लिये सम्मान की बात होगी। आप माता पिता गुरुओं  के पैर छूते है  तो बदले में आपको
ढेर सारा आशिर्बाद भी मिलता है। ये फायदे की बात नही
संस्कार की बात भी है।

बड़ो के पैर छूना /  bado ke pair chhuna hindi
किसी भी बड़े ब्यक्ति के पैर को छू सकते है। बड़ो के पैर छूने से आपको आशिर्बाद ही मिलेगा। यदि अपने बॉस के पैर छूते है तो उससे तो कई गुना लाभ आपको मिल सकता है।घर मे बड़े भाई का पैर छू सकते है। बड़ी बहन बुआ का पैर छू सकते है। यदि आप बड़ो के पैर छूते है तो बड़े तो बड़े बनते है आप भी बड़े बन जाते है। गलती से भी आप यह नही सोचे कि मेरा सम्मान कम हो रहा है। आप तो बस
आशिर्बाद लेते रहे। यही आशिर्बाद आपके काम आएगा एक दिन । एक दिन आप समाज मे आगे बढ़ोगे ये बात अपनी गढ़ बांध लो।
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