शायरी जोशीली शायरी आशिक व प्रेमिका की रंगरेलिया / shayari joshi ki shayari aashik v premika ki range liya hindi

शायरी प्रेम की / Shayari prem ki
मस्त शायरी प्रेम की

प्रेमीआशिक   प्रेम में दीवाना हु है प्रिये  तुम कहा हो
            न यहा हो न वहा हो दिल्ली हो या मुरादाबाद हो।

प्रेमिका  में न दिल्ली में हु न मुरादाबाद में 
            में तो तुम्हारे दिल मे हु खोज सको तो खोज लो।

आशिक  मानता हूं कि तुम दिल मे हो पर ये चुगली क्यो नही कर रहा
दोष मेरा है या प्यार तुहारा सौतेला है।

प्रेमिका न प्यार सौतेला है न में सौतेली हु
दिल जिस दिन गवाही देगा मिलन जरूर होगा।

शायरी   गरमागरम
आशिक दिन साल जैसे लगते है। रात तो मानो उम्र को खा जाती है।
एक तुम हो जो बाते कर के भी नजर चुराती हो।

प्रेमिका न में नजर चुराती हु। न में चोर हु
में तो तुम्हारे गीत चुराती हु ओर उन्हें ही गुनगुनाती हु।

आशिक गीत चुराती हो फिर भी ईमानदार बनती हो
जरा नजर तो मिलाओ किंतनी खूबसूरत लगती हो ।

प्रेमिका खूबसूरत तो में हु ये तुम क्या जानो
ये दिल की खूबसूरती तुम्हे दिखती कहा है।

आशिक जब चेहरा इतना खूबसूरत है तो दिल
कोन सा बदसूरत होगा। हम तो यही मानते है।

प्रेमिका तुम कुछ भी मानो हमे कैसे पता चलेगा
दिल का क्या हाल है ये तुम क्या जानो ।

आशिकी  तुम भी सुंदर तुहारा दिल भी सुंदर 
प्यार तो मेरा सुंदर जो तुम पर मरता है।


शायरी हॉट वाली
प्रेमिका तुम्हे कैसे पता कि प्यार तुहारा सुंदर है
हम तो अब तक यही मान कर चले थे कि हम से सुंदर कोई नही।

आशिकी प्रेम तो जीवन है। प्रेम आधार
              जीना  इसका नाम है यही हमारी पहचान।

प्रेमिका में जीवन भी हु में प्राण भी
जीना मेरा नाम है क्या तुम्हारी पहचान है।

आशिकी दिल तो दिलवर को चाहिये
वाकी हमसे क्या मांगोगे

प्रेमिका जान हु तुम्हारी जान भी दे दूँगी
वक्त तो आने दो अपने प्राण भी दे दूँगी।

आशिकी प्रेम हो तुम हमारा जान क्यो दोगी
हम मर जायेंगे पर तुम्हारी जान न लेंगे


शायरी प्रेम वाली

प्रेमका तुम मेरा सच्चा प्रेम हो ये हमने जाना है
तुम्हारी खातिर सब छोड़ कर में आ रही हु।


हम दूसरी शायरी का लोकापर्ण कर रहे है। आनद लीजिये।
गुनगुनाइए। दुसरो को सुनाइये। खास तौर पर अपने प्रेमीजन को संदेश भेज कर उनका हाल जानिये। दोनों प्रेमी शेयर कर सकते है। आनंद लीजिये।

 आशिक प्रेम दीपक है हम है उसकी पहचान
            ज्ञान थोड़ा सा हमको भी दे दो  मत बनो नादान

     प्रेमिका    नादान ही होना था तो हम तुमसे मिलते क्यो 
          ये दिल ही तो था जो मजबूर तुमसे मिलने को कर                रहा था

आशिक  चने क्यो चबाती हो मूंग चबा लो
            दिल हमे देती हो प्यार किसी और से करती हो


प्रेमिका।    हमने दिल तुम्ही को दिया है प्यार भी तुमहि से किया है। एक जीवन है ये भी तुम्ही को मिला है।


आशिक। दिल तो देगो प्रेम भी दोगो सपनो में आंख मिचौली कब खेलोगी ।


प्रेमिका दिन तो आने दो सपनो में नही  प्रेम तुम्हारे सामने प्रकट करूंगी।

आशिक प्रेम तो हमने कब से प्रकट किया ये तुमने नही जाना
दिल बेकरार है ये तुमने कब जाना।


मस्त शायरी
प्रेमिका तुम मेरे गीत हो तुम मेरे संगीत हो
           में तुम्हारी आरती तुम मेरे प्रीत हो।

आशिकआशिक में प्रीत हु। तुम मेरा संगीत हो
           ये दिल का रोग है इलाज पता नही कब मिलेगा।


प्रेमिका दीपक दान कर दो एक दीप मेरे दिल मे भी प्रेम का जला दो


आशिक।   हम है आशिक तुम्हारे      तुम गीतीका  हो हमारी
हम संत है तुम्हारे तुम्हारे तुम आशिकी हो हमारी।

प्रेमिका  हम स्वीकार करते है आशिकी तुम्हारी 
तुम भी स्वीकार करो संगीत हमारा।

आशिक।  हम स्वीकार करते है संगीत तुम्हारा 
              तुम बैंड कब हमारा बजाओगी

बैंड बजाने वाली शायरी

प्रेमिका में बैंड भी बजाओगी तुम्हे चने भी चबवागी
            कुर्बानी तो देनी होगी तभी तो तुम्हारी बनूगी।

आशिक    तुम तो हमारी बनूगी सृन अच्छा लगा
               तुहारा भाई हमारा साला लगा।


प्रेमिका साला तो लगा  जब तुम गड़बड़                         उसी को बुला कर  पिटाई करवाउंगी।

आशिक ये प्यार तुम्हारा ये शरीर तुम्हारा
            जब चाहो पिट दो जब चाहो प्यार कर लो।

प्रेमिका पीटना मेरा धर्म नही प्यार ही करूंगी
           अपने बाप से नही तुम्हारे पिता से पिट्वॉगी।

शायरी ने घरवालों को लपेटा
आशिक  मेरा पिता तुहारा ससुर है। ऐसा काम मत करना
वरना बिना  शादी के कुँवारे रहना होगा।

प्रेमिका। न तुम कुँवारे रहोगे न में कुँवारी रहूंगी
           देख लेना अगले साल फेरे होंगे।


इसे भी पढिये













Previous
Next Post »