बच्चों की मनोरंजक कहानियां ( गोरिया और रोही की चालबाजी )

बच्चों की मनोरंजक कहानी  (गोरिया और रोही की चालबाजी) / bachcho ki manoranjak kahani hindi.(  Goriya oor Rohit ki chalna ki  )

एक गोरिया शीशम के पेड़ पर रहती थी।पेड बहुत बड़ा था।
एक दिन पास केअमरूद के  पेड़ में  रोही नाम का छोटा लड़का आया और अमरूद तोड़ने लगा । उसको अमरूद तोड़ते देख गोरिया बोली अरे भैया एक अमरूद मुझे भी दे दो । रोही दूसरे गांव।से आया था । वह बोला एक अमरूद तो क्या मैं तुमको ढेर सारे अमरूद दे दूँगा। लेकिन तुम चुपचाप रहना गौरेया बोली ठीक है। वैसे भी इसका मालिक मुझे अमरूद खाने नही देता है। 

मैं जब भी अमरूद खाने जाता हूं वो मुझको पत्थर मार कर भगाता है।  रोही एक चालबाज  शरारती लड़का था। उसने सारे अमरूद पेड़ के झाड़ दिये। कुछ खाये और कुछ मिट्टी में छुपा दिये। गोरिया को मजा आ रहा था। पहले यह हरकत गोरिया करती थी । लेकिन वो कम नुकसान करती थी।  अमरूद के पेड़ का मालिक जब आया और उसने पेड़ देखा । 


पेड़ में सारे अमरूद गायब थे। उसने गोरिया से पूछा ये अमरूद किसने खाये । गोरिया बोली मुझे नही पता । देखा बच्चों आपने गोरिया ने कैसे झूट बोला। बाद में अमरूद पेड़ मालिक को जमीन के अंदर अमरूद दिखाई दिये। अमरूद इसलिये दिखाई दिये क्यो की रोही उन अमरूदों को जल्दवाजी में अच्छी तरह से जमीन में नही दबा पाया था। मालिक को गुस्सा आया कि गोरिया ने झूट बोला। 


उसने गोरिया का रहने वाला शीशम का  पेड़ की टहनी काट दी। गोरिया अब धुप में रहने को मजबूर हो गयी। उस इलाके में दूसरा पेड़ भी था। गोरिया अब पछतावा कर रही है कि वो रोही के चक्कर मे नही पड़ती तो ठीक था।  बच्चों इसलिये कभी भी शैतानी में किसी का नुकसान नही करना चाहिये।
बाद में खुद को तकलीपे उठानी पड़ती है। जैसे गोरिया उठा रही है।।।

इसे भी पढिये माता पिता गुरुओं के समन्ध में है।

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