Me kavita savita ki foj me bharti.hindi /में कविता सविता की फ़ौज में भर्ती
में कविता तू सविता
दोनों फ़ौज में चलो
गीत देश प्रेम की
गाते चलो।
देश प्रेम से बढ़ कर
कोई नही है दूसरी सेवा
हम वीर नारी है भारत की
जंग में किसी से कम नही है।
बॉर्डर पर जब जरूरत पड़ेगी हमारी
पीछे हम हटेंगे नही देश का नाम मिटने नही देगे
चाहे कुछ भी हो देश पर मिटने को हम तैयार
खून का एक एक कतरा न्योछवार करने को है तैयार
देश प्रेम से बढ़ कर हमारे लिये ओर कुछ नही
जीवन यदि देश के काम आया तो ठीक
नही तो जीवन योंही बेकार जाएगा
किसी दिन अग्नि में जल कर राख हो जाएगा
इसलिये कविता सविता ने सोचा
जीवन राख की ढेर में करना है बेकार
बॉर्डर पर दुश्मन दो चार दश बीस को मार
देश का नाम रोशन करेगे।
मैं कविता सविता फ़ौज चले
गीत भारत माता के गाते चले
हम नव भारत की नारियां
जमीन तो क्या आसमान से भी दुश्मन को मारेंगे।
आज विस्व में भारत का डंका बजता है
हर भारत की फ़ौज में कविता सविता जैसी
नारी का डंका बजता है। इसलिये दुश्मन तुम
सतर्क हो जाओ डरो हम आ रहे है।