किसी को टोकना कब महत्वपूर्ण है बन जाता है / kisi ko yojna kab mahatwapurna ban jata he hindi

 किसी को टोकना महत्वपूर्ण  बन जाता है / kisi ko tokna  kab  mahatwapurn ban jata hindi
किसी को टोकना कब  महत्वपूर्ण बन जाता है। जब आपको गले की कुछ गलत हो रहा है। आप जिस  किसी भी भूमिका में हो  उस भूमिका में बहुत बार अपने सहयोगी को टोकना जरूरी हो जाता है। जब हम खास तौर पर बोस की भूमिका में होते है तो उस समय यदि कोई हमारा सहयोगी सही से काम नही कर रहा है जिससे हमें लगता है कि इसके इस व्यवहार से कंपनी को स्कूल  घर को नुकसान हो सकता है।
वहा पर आपका टोकना उचित है। लेकिन जब भी अपने से छोटे अधिनस्त को टोके उसे किसी के सामने न टोके। यह उसके लिये अपमान से कम नही होगा। लेकिन यदि उसे अकेले में टोकते है तो उसे वह अपने सम्मान के तौर पर सोचेगा। यदि अपने बेटे व बेटी को उसके दोस्ततो के सामने किसी हरकत के लिये टोकते है तो उन्हें यह अपमान लगेगा। यदि अकेले में टोकते है तो उन्हें ये सम्मान लगेगा। जिंदगी में इज्जत बड़ी मुश्किल से मिलती है कोई इसको ऐसे ही गवाना नही चाहता है। यदि किसी को टोकने से उसकी जिंदगी बनती है तो उसे अवश्य टोके साथ ही उसको यह अहसास भी कराये की वह जो कर रहा है इससे उसकी जिंदगी तवाह हो सकती है। भविष्य चौपट हो सकता है।
हम बहुत बार अपने बच्चों को उनकी पढ़ाई या बुरी आदतों के लिये टोकते है  लेकिन बहुत बार हम ये समझने में नाकाम रहते है कि हमने उसे किस लिये टोका । हमे उसे समझना होगा कि बेटा यह तेरे लिये गलत है यह तेरे लिये सही है। एक घर के गार्जियन के हिसाब से हमे घर आफिस हर जगह यह रोल निभाना पड़ता है। जिसमे बहुत बार टोकने वाला  एक खराब नजर से लोग उसे देखते है। बहुत बार तो टोकने वाले को कई उपाधियां भी दी जाती है जैसे
सिर पर उसके बाल नही है तो उसको टकला उसके पीठ पीछे कहते है। कोई  कालिया कहता है। अनेक उदाहरण मिलते है।


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