प्रेम के गीत कविता के माध्यम से / prem ke git kavita ke madhyam se hindi

प्रेम के गीत / Prem ke git

प्रेम के गीत गाते चलो दिल को समझते चलो
प्रेम तो प्रेम है दो पक्ष में इसको  पिरोते चलो।

एक पक्ष से बात नही बनेगी दोनों में इसको आगे बढ़ाओ
अगर एक पक्ष कमजोर है दूसरा इसको आगे बढ़ाओ।

समय को पहचानो नादानों ये दुनिया बहुत बेरहम दिल है
गिरे को और गिराती है। उठे को ओर उठाती है।


इसलिये अपनो में ही इसको सेटल करो बात घर की है
घर मे ही रहने दो प्रेम को डोर ओर लम्बी न खिंचने दो।

धर्म की दीवार न तोड़ो धर्म के अंदर ही प्रेम करो
मान भी रहेगा  प्यार भी मिलेगा सम्मान समाज भी करेगा।

छोड़ो फालतू की हरकत  छोड़ो अब ये  प्रण तुमको लेना है
जातपात की दीवार तोड़ अपने धर्म मे ही शादी करना है।


प्यार ने एक समय धर्म की दीवारें तोड़ी थी आज भी टूट रही धोखे की इसमे गुंजाइश नही धोखेदारी सजा के हकदारी

कठोर सजा उनको मिले जो धोखे से शादी करे
नाम न कोई उनका ले जो ऐसा जुर्म करे।


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