फ़्रेंडशिप कैसे बनाये, फ़्रेंड किसको ,फ्रेंड बनाये फ्रेंड बनाने के फायदे व नुकसान।/ friend kaise banaye, friend bnane ke fayde v nuksan hindi

फ़्रेंडसिप कैसे बनाये ,फ्रेंड किसको बनाये,  फ्रेंड बनाने के फायदे व नुकसान / friend kaise banaye, friend kisko banaye, friend banane ke fayde v nuksan hindi
फ्रेंड बनाने  के लिये सबसे पहले एक अच्छा फ्रेंड यानि मित्र की तलाश कीजिये। मित्र या फ्रेंड किस तरह का चाहिये। समझो कि एक पुरुष को पुरुष मित्र की तलाश व महिला को महिला दोस्त की तलाश एक  दोस्ती के नाते चाहते है। सबसे पहले उस दोस्त की तलाश करे जो वाकई आपकी दोस्ती के लायक हो।बहुत बार लड़को को व लड़कियों या अधेड़ पुरुष व महिला को भी अपना पुरुष को परुष व महिला को महिला दोस्त नही मिल पाती है। 


दोस्त मिलना वह भी अच्छा दोस्त।उसका  कारण क़िस्मत भी हो सकती है । और कुछ हमारा नेचर भी भी दोस्ती की राह में आड़े आता है।जिसको हम दोस्ती में अड़ंगे के लिये जिम्मेदार मानते है। हम जैसा मित्र चाहते है वैसा हमे नही मिलता है। इसलिये जीवन मे मित्र दोस्त सोच समझ कर बनाने चाहिये।एक सच्चा मित्र दुखः के समय भी साथ देता है। कष्ट आने पर भागता नही है। वह सच्चे मित्र का धर्म निभाता है। इसलिये जीवन मे दोस्त बनाते समय जल्दीबाजी न कीजिये। सोच समझ कर दोस्ती कीजिये। यही उचित होगा। वाकी आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।

फ्रेंड कैसे बनाये
फ्रेंड बनाने के लिये निम्न चीजो पर क़दम उठाये

1 यदि किसी  से बात करना चाहते है। दोस्त बनाने के लायक समझते है तो बाते करने में बिल्कुल जिझकना नही चाहिये।
2 सम्मान से दोस्ती में पहल कीजिये।
3 झिझोरा पंथी मत कीजिये।यह व्यक्ति को दूसरों की नजर में गिरा देता है।
4 किसी मदद से दोस्ती होना लाभ देता है।
5 महिलाओं का सम्मान करने से अपनी इज्जत उनकी नजर में बढ़ती है।
6 बातचीत में मधुरता बनाये रखे। यह दोस्ती मजबूत करने के लिये जरूरी है। दोस्ती में मदद तो कभी कभार ही होती है लेकिन बातचीत ऐसा माध्यम है जो कि  आपको सदा जोड़े रखता है।
7 क्रोध होने पर भी कटु वचन न बोले। सजन्नता कि यही पहचान है।

फ्रेंड बनाने के नुक्सान व फायदे
यदि किसी को हम अपना फ्रेंड दोस्त मित्र बनाते है। यह हम 
तब बनाते है। जब हमको उस पर पूरा विस्वाश हो जाता है। कहते है दोस्ती मोटे लठ के बराबर होती है। लेकिन फिर भी एक दिन टूट जाती है। रिस्ते धागे समान होते है।टूटने पर जुड़ जाते है।  लेकिन उनमें गांठ जरूर पड़ जाती है। परन्तु फिर भी रिस्ते जो आपसी पारिवारिक रिस्तो से बनते है एक दिन जरूर  जुड़ जाते है। लेकिन दोस्ती मोटे लकड़ी के लठ बराबर होती है लेकिन अगर टूट जाय तो जुड़ता नही है। इसलिये ध्यान रखे कि दोस्ती में भी अपने गुप्त राज किसी को नही बताने चाहिए। यह दोस्ती टूटने पर नुकसान देह हो सकता है। आपको चोट पहुचाने का हथियार आपको मित्र को मिल सकता है। इसलिये दोस्ती में सावधान रहें। उन्ही बातो को शेयर करे जो भविष्य में आपको नुकसान नही पहुचायेगी। एक सच्चा मित्र हमेशा मदद को तैयार रहता है।सच्चा मित्र अपना काम छोड़कर भी आपका साथ देगा। एक सच्चा मित्र अपना नुकसान झेलकर भी आपकी मदद करेगा। यही सब सच्चाई है एक सच्चे मित्र की।


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