pati patni ki love wali shayri hindi / पति पत्नी की लव वाली शायरी

Pati patni ki love wali shayri hindi /पति पत्नी की लव वाली शायरी 

पति मेरे जीवन का अनमोल रत्न हो तुम
मेरे जीवन मे सुगन्ध तुम्ही से है ।
जो गंगा की अविरल धारा की तरह
प्रातः से शुरू निरंतर चलती रहती है।

सब कुछ सकूँन पाया मेने तुम्ही से 
धन्य तो तुम जिसने तुम्हे जन्मा
इसी लिये  मेरे जीवन की 
बसंती हवा तुम्ही हो।

जो कुछ आज कर पा रहा हु
जो कुछ जीवन में खुशियों के लम्हे 
ले पा रहा हु
तुम्ही तो वो आस हो जो सब कुछ पा रहा हु।


कभी तुमने रत्ती भर घमंड नही किया
सुबह से रात कर अपनी दिनचर्या में ब्यस्त रहती हो
 फिर भी कभी कोई
शिकायत  हमसे नही की।

इसी भोलापन के कारण
जीवन सकूँन से मेरा कट रहा
पता ही नही चला कि 
कब में 40 पार का हो चला।

तुम भी कब 38 पार की हो चली
ये तुम्हे भी फुर्सत कहा
यह सोचने की 
सोचे तब जब टिफिन से पति ओर बच्चों की फुर्सत मिले।


इसी तरह जीवन आगे बड़ता जाएगा
कब हम बूढ़े हो जायेगे
हमको ये पता ही नही चलेगा।
बच्चे याद हमे दिलाएंगे जब गुस्से में वो हमको बुड्ढा कहेंगे।















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