दिमाक और दिल में तेजी से कोन सोचता है / Dimak aur Dil me teji se kon sochta he hindi
दिमाक और दिल का साइंस की दृस्टि से गहरा समन्ध है।
दिमाक और दिल एक दूसरे से बहुत अच्छे से जुड़े है। दिमाक का आँखों से समन्ध है। जब आँखे किसी चीज को देखती है। तभी वो मस्तिष्क में एक तस्वीर बनती है।उसी तस्वीर के आधार पर हम दिल से किसी को अच्छा या बुरा समझते है। लेकिन जब आँखे बंद होती है ओरसिर्फआवाज
से हम किसी को सुनते है।उस समय दिमाक का क्या काम है और वह किस तरह काम करता है। उस समय दिमाक उस आवाज के ऊपर सोचकर एक तस्वीर बनाता है।उस तस्वीर से वह किसी ब्यक्ति के भले बुरे की पहचान करता है।
उस समय आँखों का काम आवाज के आधार पर निर्णय लेता है। दिमाक अपनी क्षमता का इस्तेमाल कर दिल उस व्यक्ति के बारे में बुरा या भला विचार रखता है।इस दृस्टि से दिमाक अपना अहम रोल निभा रहा है। दिल थाली की तरह लगता है परोस कर दे दो उसके बाद ही वह सोचता है। परोसना दुसरो को हे। चाहे वे किसी भी तरीके से परोसे। जब भी हम दिल दिमाक की बात करते है। दोनों महत्वपूर्ण है। इनमें अहम रोल निभाती है आँखे और कान । आँखे और कान ऐसी चीज है जो दिल और दिमाक से बहुत गहरी तरीके से जुड़े है। ऐसे तो पूरा शरीर ही महत्वपूर्ण होता है।
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दिमाक की सुने या दिल की /Dimak ki sune ya Dil ki hindi
दिमाक की सुने इस दिल की ये बात अक्शर पूछी जाती है। आखिर किसकी सुने। दिल बड़ा या दिमाक। आम जन ठीक सोचते है। लेकिन दिल दिमाक की अपनी सोच होती है। जो ब्यक्ति को विशाल बनाती है। सोचने को मजबूर करती है। जब हम किसी से प्यार करते है तो पहले उसकी चेहरे पर हमारी आखो की नजर पड़ती है यदि वो सुंदर है तो आँखे एक नजर में दिमाक को संदेश देती है। यह सुंदर है मेरे लायक है। जो में सोच रहा था उसी के तरह है।
दिमाक और दिल में तेजी से कोन सोचता है / Dimak aur Dil me teji se kon sochta he hindi
उसके बाद बारी आती है दिल की मामला पास करके दिल को भेज दिया जाता है।दिमाक ने दिल को राजी करने को सारा मामला दिल को भेज दिया है इसका मतलब ये कतई नही है कि दिमाक का रोल समाप्त हो गया है। दिमाक उस पर आगे की स्टडी करता है। यहा दिल कानो की भी सुनता है। कि एक अनजान आदमी की आवाज कैसी है। फिर एक समन्ध जुड़ता है। वो काम दिल करता है। यह बहुत विशाल
विषय है। जिस पर आगे शोध कर पेश करेंगे।
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