कहानियां बच्चों के मनोरंजन की / कहानी चिंटू पिंटू की शैतानी की ( kahani chintu pintu ki shaitani ki

 कहानी चिंटू पिंटू की शैतानी की /Kahani chintu pintu ki shaitani ki hindi

एक  चिंटू था। उसका एक प्यारा सा दोस्त पिंटू था। दोनों  कक्षा एक मे पढ़ते थे। चिंटू पिंटू के घर आसपास थे। दोनों एक साथ स्कूल पढ़ने जाते थे। दोनों की दोस्ती पक्की थी। अगर जब एक स्कूल नही जाता था। तब उसका दूसरा साथी उसको होम वर्क घर पर देकर जाता था। स्कूल में मेडम ने जो भी पढ़ाया होता था वो सब वो अपने दोस्त को आकर बताता।अगर मेडम ने किसी को स्कूल में पीटा होता था तो  वह भी एक दूसरे  को बताते । दोनों की दोस्ती अच्छे से चल रही थी। 
 चिंटू के मामा आ गये

एक दिन चिंटू के मामा  गाँव से  आ गये। वे कहने लगे कि चिंटू बहुत दिनों से तू  हमारे यहां नही आया है। सब ननिहाल में तुझको  देखना मिलना चाहते है। चिंटू अपने मामा के घर अपनी मम्मी के साथ चला जाता है। गाँव मे एक महीना बिताने के  बाद वह लोटता है  क्योंकि अब गर्मियों की छुटिया भी समाप्त हो गयी है। अब चिंटू पिंटू की दोस्ती फिर चालू हो गयी है। दोनों खूब मस्ती करते है। चॉकलेट खाते है। बच्चों चॉकलेट ज्यादा नही खानी चाहिये। इससे दाँत खराब होते है। पिंटू मेरी मम्मी भी कह रही थी कि चॉकलेट से दाँत खराब होते है। दोनों एक साथ खूब पढ़ते थे। मोहल्ले में सब उनकी दोस्ती की  बाते किया करते थे।


कहानिया बच्चों के मनोरंजन की                            

सफेद चूहा गिलहरी की
एक  सफेद चूहा था।  उसका नाम उसके मालिक ने सफेदा रखा था। एक  गिलहरी थी  भी उस मालिक के पास थी। उसको प्यार से मालिक चाँदनी कह कर पुकारते थे। सफेदा को मालिक उतना पसन्द नही करता था। जबकि  मालिक चाँदनी को बहुत पसन्द करता था। चाँदनी कोन थी बच्चों । चाँदनी वो गिलहरी थी। मालिक चाँदनी को पकड़ कर गोद मे बैठाता था लेकिन सफेदा को मालिक ने कभी गोद मे नही बिठाया इसलिये वह मत्तलब  सफेदा यह सब देख कर अपने मालिक पर  गुस्सा करता था । सफेदा अपने मालिक से हमेशा नाराज रहने लगा। एक दिन तो हद ही हो गयी। 

चाँदनी मालिक के साथ बाजार घूमने गयी
जब मालिक गिलहरी को गोद मे उठा कर पास के बाजार घुमाने ले गया। सफेदा का उस दिन मुड़ खराब हो गया। शाम को जब चाँदनी घूम कर आयी तो उसने बाजार की कहानी सुनाई। बाजार में उसने आलू की टिक्की चाट जलेबी खायी। सफेदा का मुँह में पानी आ रहा था। बच्चों तुम्हारे मुँह में पानी तो नही आ रहा है। उस दिन सफेदा ने गुस्से से खाना नही खाया। मालिक ने देखा कि सफेदा ने खाना नही खाया तो उसने उस दिन खीर बना कर खिलायी। मालिक समझ गया था कि सफेदा उससे नाराज है। दूसरे दिन मालिक  सफेदा व चाँदनी दिनों को पास के बाजार घुमाने ले गया । दोनों को भर पेट जिलेबी चाट खिलायी। उस दिन से सफेदा अपने मालिक से खुश रहता है।














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