Dibeatic and thyriod patient boon this millets / मधुमेह और थायराइड के लिए ये आटा वरदान से कम नहीं
मधुमेह और थायराइड के मरीज अक्सर दवा लेने के वाबजूद भी बहुत बार परेशान रहते है और रोजाना दवा लेने की वजह भी उनको चिड़चिड़ा बना देती है उसका कारण मधुमेह में शुगर का अचानक बढ़ना या घटना होता है। जिस वजह से मरीज चिंतित रहता है बहुत बार मरीज अपनो से बीमारी को छुपाता भी है जो की कतई ठीक नही है।
मधुमेह के मरीज भारत में तेजी से बढ़ रहे है और जिसका कारण मुख्य है गलत जीवन शैली और खानपान। यदि हम किसी दवा को ले भी रहे होते है तो आखिर कब तक ले। कैसी भी दवा हो आखिर हर दवा के कुछ न कुछ साइड इफेक्ट तो होते ही है । दवा के साथ ही कुछ ऐसा यदि हम कर ले की जो भोजन के साथ ही हो और जिसको लेने में कोई परेशानी भी नही हो और जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हो तो आगे जाने।
मधुमेह के लिए ये आटा किसी वरदान से कम नहीं
मधुमेह के मरीजों के अंदर अनेक विटामिन्स की कमी हो जाती है और जिसमे आयरन ,कैल्शियम जैसे अनेक विटामिन की कमी के कारण मरीज अंदर से खोखला हो जाता है खाया पिया उसको लगता नही है। मरीज शुगर की दवा खा कर भी ऊब चुका होता है वह बीच बीच में दवा को छोड़ना भी चाहता है तो आखिर क्या करे मरीज। मधुमेह के मरीजों के लिए रागी का आटा जिसको मडुवा या kodu भी कहते है वह किसी वरदान से कम नहीं है । रागी का आटा से बनी रोटी खाने से शुगर धीरे धीरे घटने लगती है और शरीर में आयरन कैल्शियम और दूसरे विटामिन्स की पूर्ति भी होने लगती है। रागी के आटे के साथ दूध जरूर पीना चाहिए। शरीर की कमजोरी दूर होगी। जब तक शुगर नॉर्मल नही होती है तब तक दवा भी लेते रहे।
थायराइड के मरीज खाए ये आटा कब्ज टूट जायेगी
थायराइड के मरीज के अंदर भी अनेक विटामिन्स मिनरल्स की कमी हो जाती है खासकर आयरन , कैल्शियम, विटामिन डी के साथ ही विटामिन बी कांप्लेक्स की कमी हो जाती है यदि थायराइड के मरीज रागी जिसको मडुवा भी कहते है उसके आटा की बनी रोटी खाते है और साथ में दूध भी पीते है तो उनको अनेक विटामिन्स की पूर्ति हो जाती है जिसमे आयरन और कैल्शियम मुख्य है। रागी के आटे की रोटी खाने से कब्ज बहुत जल्द टूटती है । मधुमेह और थायराइड के मरीज कब्ज से बहुत परेशान रहते है जिस वजह से उनको कोलेस्ट्रॉल और किडनी की समस्या भी घेर लेती है इसलिए रागी का आटा मधुमेह और थायराइड के मरीज के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।