किन लोगो के विवाह में देरी होती है जाने
विवाह में उन लोगो की देरी होती है जो समय के साथ समाज के साथ तालमेल कर नही चलते है और अपनी धुन में लगे रहते है जिस कारण वे खुद समाज के रीति रिवाजों से पीछे छूट जाते है । आज जब बात रिश्ता की करे तो किसी भी ग्रुप से यदि जुड़ते है तो अधिकतर ग्रुप में ओवर एज उम्र के लड़को के बायोडाटा मिल जायेगे। जिनकी अधिकतर की उम्र ३० पार कर चुकी होती है ३० या ३३ की उम्र के लिए २८ साल से ३० साल का गैप अच्छा रहता है और जो ३०की उम्र के लड़को के लिए २४ से २८ बहुत सुंदर गैप रहता है लेकिन जिनकी उम्र ३८ साल लड़को की हो जाती है उनके लिए ३६ साल की कन्या का गैप ठीक माना जाता है कहने का मतलब यह है की जब लड़को की उम्र बढ़ जाती है तब गैप कम हो जाता है।
जब विवाह के लिए रिश्ता की बात चलती है तब कुछ लोगो के विवाह आसानी से हो जाते है ज्यादा खोज बिन नही करनी पड़ती है लड़का हो या लड़की जॉब में हो या नही और यहां तक कि सुंदर भी हो या नही कद काटी छोटी होने पर भी विवाह समय पर हो जाता है। यह सब ग्रहों का खेल समझो या कुछ और ये तो मैं कुछ नही कह सकता लेकिन इतना जरूर समझ चुका हु देख चुका है की यदि किस्मत अच्छी हो साधारण से देखने वाले बालक को भी हूर की परी मिलने वाली कहावत सही निकलती है और एक सुंदर सी कन्या को भी ऐसा वर मिलता है जिसकी उसने कभी कल्पना नही की हो।
यहां पर ग्रहों नक्षत्रों की बात तो नही करूंगा लेकिन जो हकीकत है उसी को बयान करूगा । एक लड़के या लड़की की शादी तब देरी से होती है जब हम मनमुताबिक वर खोज रहे हो। मनमुताबिक वर खोजना भी चाहिए कोशिश सभी की यही होती है लेकिन किस्मत को किसी ने नहीं पढ़ा है होना तो वही है जो ऊपर वाले ने लिखा है । ये जो मन मुताबिक वर की खोज हम कर रहे होते है उसमे अनेक बार सफलता मिलती है और बहुत बार सफलता मिलती नही है । इसी मनमुताबिक बालक या बालिका की खोज के चक्कर में हम अपने बच्चो की उम्र कब 32से 35 तक पहुंच जाती है और कुछ तो 40पार कर जाते है जब लोग उनसे पूछते है तो तो कुछ समय तो बहाना काम चल जाता है उसके बाद तो वह भी नही चल पाता है क्योंकि उनसे उन्नीस जो बच्चे होते है उनका भी विवाह हो चुका होता है और वो अपने डिमांड को पकड़ कर ही बैठते है उन्हे तब खुद भी पता नही चलता है की वे अब अधेड़ हो चुके है कही अगर रिश्ते की बात भी चलानी होती है तब काफी सोचना होता है ।
इसी तरह एक दूसरे लोग भी होते है जो अपनी नोकरी या पेकेज या जाति की वजह से रिश्ता तलाश करने में असफल रहते है उनका कोई दोष नही है सरकार की जिस तरह की नीतियां है जिनमे खासकर महिलाओं को नोकरी में आरक्षण है तो पुरुषो को नही तो उच्च जाति के पुरुष पिछड़ जाते है अब जब उच्च जाति के।पुरुष जॉब में पिछड़ रहे है तो उच्च ब्राह्मण कन्याओं को हाई पेमेंट वाला वर मिलना आसान खेल नही ऊपर से कुंडली तो जरूरी है देखिए किस्मत का खेल । आखिर एक दिन कुछ लोगो को अपना दिल मारकर उन लोगो से विवाह को राजी होना होता है जहां उन्होंने सोचा नहीं क्योंकि तब तक बहुत देरी हो चुकी होती है तब न तो पेकेज मिलेगा और न ही मन मुताबिक रिश्ता क्योंकि जो अच्छे वर या कन्या तब तक रिजर्व हो चुके होते है ।
यही कारण है की सर्वगुण संपन्न लड़कियों और लड़के भी आज के समय में विवाह के बंधन में बंधने नही पा रहे है। बहुत से लड़कियों के पैरेंट्स चाहते है की लड़का उनके मुताबिक ही मिले तो उसके लिए तो इंतजार के सिवा कुछ नहीं हो सकता जब तक नही मिलता तब तक देखते रहे ।लोग यही सोचते है दुनिया को जो बकना है बकने दो हमे फर्क नही पड़ता है हमे करना वही है जो हमने सोचा है अधिकतर का यही सोचना होता है इसलिए विवाह में देरी तो होगी ही। सर्वगुण संपन्न बालक बालिका विवाह के मामले में पिछड़ जाते है जो उनके स्तर में वर्तमान में नही है या कहे तो उनसे उन्नीस है उनका भी विवाह हो चुका होता है।
दुःख भी होता है सर्वगुण संपन्न लेकिन विवाह नही हो रहा है यह बालक बालिका दोनो पर लागू है। लोगो को आखिर करना क्या चाहिए दूसरो की सीख कोई लेने को तैयार नहीं इसीलिए अपनी आत्मा से ही इसका जवाब तलाश कीजिए की आखिर पैमाना क्या हो। उच्च शिक्षा के साथ जॉब या कोई बड़ा व्यापार या कुछ और उत्तर तो आपको खुद ही खोजना होगा दूसरा आपकी मदद करने आएगा नहीं अगर कोई सुझाव देगा तो आप मानेंगे नही। ब्राह्मण समाज की समस्या को लेकर विवाह से समंधित ब्लॉक अच्छे लगे तो अपने लोगो को शेयर भी करे।
क्या विवाह में देरी का कारण ज्यादा धन की भूख तो नही समझे
विवाह में देरी का एक कारण धन की बेताशा भूख भी है। जिन लोगो को धन दौलत की ज्यादा भूख होती है उनकी शादी भी देरी से होती है। कुछ लोगो के पास घर है लेकिन उनको और दूसरे घर बंगला गाड़ी भी चाहिए और साथ ही पेकेज भी चाहिए इसी उधेड़बुन में वे लोग शादी करना भूल जाते है उन्हे पत्नी से काश लगाव नहीं होता है ऐसे लोग शादी यदि करते भी है तो भी उनको अपने धन से ही प्यार होता है । पत्नी तो बस बच्चा जनने की मशीन हो जाती है । धन दौलत ने इनकी आदत इतनी ज्यादा बिगाड़ दी होती है की धन के सामने उनको अपनी ओलाद भी कुछ नही दिखती है। इसलिए धन के लोभी वो कोई भी हो सकते है इसमें पुरुष महिला कोई भी हो सकती है। एक पुरुष रिटायर्ड होकर आए तो उनका कहना था की मेने जिन्दगी में इतना कुछ घर द्वार गाड़ी सब जोड़ा और फिर भी पत्नी का मन नहीं भरता है उसे और चाहिए और बड़े निराश होकर कहते है इससे अच्छा तो शादी नही की होती तो अच्छा रहता । रात दिन की किच किच तो नही होती।
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विवाह में देरी का एक बड़ा कारण सही रिश्ते नही मिलना
आजकल विवाह में देरी का कारण जो ग्रुप सदस्यों से जानकारी में आया वो यह है की किसी का नाड़ी भेद हो जा रहा है अगर नाड़ी मिल रही है तो हाइट कम हो जा रही है । अगर ये दोनो चीजे मिल रही है तो अधिकतर का उम्र का गैप ज्यादा हो रहा कुछेक से उम्र का गैप कम हो रहा है और कुछ का पेकेज जरूरत से ज्यादा कम हो रहा है । रिश्ते तलाश रहे एक सज्जन का कहना था की दो साल से रिश्ते तलाश रहे है लेकिन कुंडली तक बात नही पहुंची उससे पहले ही रिश्ता की बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। लेकिन उनका कहना था की जो हम तलाश रहे है उन्हे तो पूरा करना ही होगा क्योंकि बच्चे जब हमारी मर्जी से विवाह कर रहे है तो यह हमारा कर्तव्य बन जाता है की उनके लिए सही रिश्ता तलाश करे।
शीघ्र विवाह के लिए क्या करे
शीघ्र विवाह के।लिए अपने बच्चो का बायोडाटा दूसरो को जल्दी जल्दी बिना हिचकते हुए दूसरे को भेजे। जब तक दूसरो को बायोडाटा नही भेजेंगे तब तक परिणाम शून्य ही आयेगा। अच्छे परिणाम के लिए अपने बच्चो का बायोडाटा सारे काम छोड़ कर योग्य बच्चो को भेजे और जरूरत पड़ने पर उनसे बार बार किसी n किसी बहाने से संपर्क करे। जब बायोडाटा भेजे तब अपने सम्मान को एक किनारे रख कर लोगो से संपर्क करे। ग्रुप में बार रिश्ते डालने का एक कारण यह है की लोग अपना ग्रुप में आया बायोडाटा दो तीन दिन पर क्लीन कर देते है। बस ध्यान देने की बात एक ही जो है वह लोगो से संपर्क बायोडाटा भेज कर करे। पहले लोग यह काम फिजिकली करते थे पर अब जब सुविधा उपलब्ध है तो उसका लाभ उठाना चाहिए।