ताऊ कविता पाठ

ताऊ कविता पाठ

ताऊ ताऊ कहते बच्चे
पर मैं नही समझ पाया 
कारण जान समझ जाओगे
आखिर मैं अज्ञानी समझ क्यो नही पाया।

कारण उसका एक ही था
जो दूरियों से पटा था
मैं अज्ञानी फोन पर 
मर्म उसका समझ नही पाया।

जब पहली बार भतीजा
घर पर आया 
तब ताऊ
के मोल को मैं समझ पाया।

ताऊ बनना आसान नही
भतीजे से प्रेम पाना 
भतीजे से गले लगना
बच्चों का खेल नही।

ताऊ यदि बनना है
तो भतीजे को समझना होगा
कुछ गलतियों भतीजे की 
माफ करना होगा।




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