सपनो के महल / Sapno ke mahal hindi
सपनो के महल का मतलब जानते है । सपने जो हमारे अपने है जिनको हम रातदिन बुनते है । अगर उन सपनों में कही से कोई कमी रह जाती है या हम असफल उनको पूरा करने में रहते है तो हमारे जीवन पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है। सपने आखिर हम बुनते ही क्यो है क्या जरूरत पड़ती है हमको सपनो को बुनने की। असल मे होता यह है कि हमारे मन मस्तिष्क में अनेक विचार आते जाते है उन्ही विचारों में हम अपने जीवन के सपने बुन लेते है या देख लेते है। सपने जो हम गलतीं से बुन लेते है यदि वे पूरे हो जाते है तो हम अपने को धन्य समझते है। सपने जो हम अपने जीवन मे पूरा नही कर पाते है उन सपनो को लेकर हम दुःखी रहते है । वास्तव में असली गलतीं यही पर होती है जब हम अनजाने में ऐसे सपने बुन लेते है जो कभी हम पूरा ही नही कर पाते है या उन सपनों को पूरा करने की शक्ति ही हमे नही होती है। हमे अपने जीवन मे वही सपने बुनने चाहिये जिसके लायक हम हो ओर जिनको पूरा करने का समर्थ हममें हो। हमे अपने जीवन मे कभी भी ऐसा कार्य करने की नही सोचना या करना चाहिये जिसको करना हमारे लिये असम्भव हो। जीवन मे वही कार्य मनुष्य को करने चाहिये जिसको वह आसानी से पूरा कर सकते है लेकिन जीवन मे कुछ कार्य ऐसे भी आते है या ऐसे भी कार्य होते भी है जिनको पूरा करना असंभव होता है लेकिन हम उनको पूरा कर लेते है यह बहुत कम लोग जीवन मे कर पाते है। जीवन मे ऐसे कार्य का बीड़ा उठाने वाले बहुत होते है लेकिन उन कार्यो को पूरा करना सबके बस की बात नही होती है। हमे अपने जीवन में कुछ लक्ष्य जरूर बनाने चाहिये लेकिंन वे लक्ष्य ऐसे हो जिनको हम पूरा करने का माद्दा रखते हो। आज बहुत से लोग जब अपने सोचे कार्यो को पूरा नही कर पाते है तब वे बहुत आहत अपने जीवन से होते है।उसकी वजह से वे जीवन मे बहुत परेशान रहते है ओर कुछ लोग तो इतना निराश हो जाते है कि वह आत्महत्या तक करने की सोचने लगते है। इसलिये जीवन को जितना हो सके उतना सरल बनाओ। सरल जीवन जीना आसान होता है जीवन को कठिनाओ की तरफ मत मोड़ो यदि कठनाइयों की तरफ मोड़ते हो तो फिर दुखः प्रकट न करो। जो लोग जीवन मे जब दुखः प्रकट करना शुरू कर देते है तो वे अपने से अपने को निराश करते है। यह ठीक नही है हमेशा प्रसन्न रही । जीवन मे चाहे कितने ही कठनाइयों को भुगतना पड़े , हमारी कोशिश होनी चाहिये कि हम अपने जीवन मे सदा प्रसन्न रहे।
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