मेरी मां कविता पाठ / My Mother poem hindi

 मेरी मां कविता / My mother poem hindi

मां को समर्पित जिनका देहावसान दिनांक 13 /5 /2021 को रामनगर के गांव में  हुआ था।


मेरी मां तुम कहा हो
मैं तुमको तलाश रहा हु
पर तुम नजर कही नही
आ रही हो।

मेरी मां 
जब से तुमने 
साथ हमारा छोड़ा है
हम महसूस अकेला कर रहे है।

तेरे यादों को अपने आखो में लिये
तेरी बातो को तेरी कहानियों को
जो बचपन मे तुमने हमे सिखाई
हम उसी की यादों में खोए रहते।

तुम  आदर्श हमारी थी
तुम प्रीत हमारी थी
तुम्ही भोजन का ख्याल हमारा रखती थी
तुम से ही हम है तुम आदर्श हमारी थी।

मेरी मां 
तुम चली गयी इस दुनिया से
लेकिन मेरे लिये आज भी जिंदा हो
में हर प्रहर तुम्ही को याद करता हु
नमन मेरा तुमको बराबर आज भी है।

तुम जहाँ भी हो खुशहाल रहना
हमे याद करो या न करो तुम खुश रहना
हम तो तेरे सहारे ही जी लेंगे
हम जो तेरे दूध से पाले जो है।

मेरी मां जब तुम याद हमको आती हो
हम दिल से समझौता कर लेते है
किसी तरह दिल को समझा कर
मन मे तुम्हारे लिये प्राथना करते है।

मां तुम दुनिया मे हमको लेकर आयी 
गोदी में तुम हमको  खिलायी
अंगुली पकड़ कर चलना  सिखाई
गिरने पर हमको जमीन से उठाई।



नमन बारम्बार तुमको है माँ
क्योकि तूम देवलोग में रहती हो
भगवान के घर मे सुखी रहना
तुम भगवान की भक्त बन कर रहना।

यही प्राथना हम भगवान से करते है
सुखी हमारी मां को रखना
कष्ट उसने जो हमारे लिये उठाये
उनको मेरे भगवान दृर करना।

मां आज तुमको श्रदांजलि देता हूं
तुम जिस दर भी हो
तुम्हारी आत्मा को शांति मिले
यही प्राथना ईस्वर से करता हु।


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