जीवनदायिनी गंगा निबन्ध / Jivan dahini Ganga Essay hindi

जीवनदायिनी गंगा  निबन्ध / Jivan dahini Ganga Daddy  hindi

जीवनदायिनी गंगा जो एक नदी है हम इसको मां गंगा कह कर भी बुलाते है। हम गंगा को नदी नही एक इंसान की संख्या दी गयी है । जैसे कि गंगा को भगीरथ हजारों साल की तपस्या के बाद पृथ्वी पर लाने का श्रेय जाता है। यह भगवान शिव की जटाओं से निकलती है जैसा कि हमारे ग्रंथो में वर्णन है  गंगा हमारे लिये गंगा नदी है यह हमारे लिये माता समान है। दुनिया के हर हिन्दू को गंगा माता के रूप में दिखती है आखिर दिखे भी क्यो नही । गंगा के जल को पवित्र जो माना जाता है। गंगा जो जीवनदायिनी है उसका जल जिसमे स्नान कर हम सपने को पवित्र मानते है। हर पूर्णिमा को हम गंगा में स्नान करना अपना सौभाग्य जो मानते है। 




जीवनदायिनी गंगा जो हमे हर पूजा में उसका जल पूजनीय है। जन्म से लेकर मरण तक जिसका जल हमको समस्त पापों से मुक्ति देता है। यहां तक कि मरते समय भी गंगा का जल हर हिन्दू के मुँह में डाला जाता है । यह इसलिये होता है कि शरीर शुद्ध हो ओर आत्मा  परमात्मा में लीन हो । आत्मा परमात्मा की शरण मे जाय। गंगा जल को पीना गंगा जल से नहाना गंगा जल से घर को पवित्र करना का कारण शरीर से अशुद्धियां दृर होती है ओर जितनी भी बुरी तागते है वे शरीर ओर घर से दूर रहती है। गंगा जो हर हिन्दू के लिये पवित्र है जिसके जल को पीना ओर उससे पूजा करना हम अपना सौभाग्य समझते है। गंगा नदी जो हिमालय से निकलती है उसमे अनेक जड़ीबूटियां के कारण यह जल कभी भी अशुद्ध नही होता है ऐसा वेज्ञानिको ने रिसर्च में पाया है। लेकिन आज गंगा नदी प्रदूषित हो गयी है। उसका कारण फैक्ट्री का गंदा पानी ओर शहरों के गन्दे नाले है ओर केंद्र में जो सरकार बनी है वह बहुत बड़ा एक्शन प्लान लेकर चल रही है। जिसका मकसद गंगा नदी को बहुत जल्द उसकी सफाई से है। गंगा को साफ किया जा रहा है । 


जहां गंगा गन्दी है वहा उसके जल को साफ करने के लिये गन्दे नालों को बंद किया जा रहा है। फैक्ट्री से निकलने वाले गन्दे पानी को साफ किया जा रहा है। आज की तारीख में गंगा नदी का जल जो  मैदानी क्षेत्रो में नहाने योग्य नही था  ,वह गंगा नदी का जल आज स्नान करने लायक हो गया है। गंगे माता की जय।


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