चार भाइयों की दास्तान / char bhaiyo ki dastan hindi

चार भाइयों की दास्तान  / Char bhaiyo ki dastan hindi

चार भाइयों की दास्तान
सुन लो भाई जान
एक भाई  अगर निकलता समझदार
दूसरे भाई करते उस पर प्रहार।

लेकिन मैं तो यही कहूंगा 
चिंता न करे ऐसे प्रहारों से 
पहले प्रेम की भाषा बोलो
तब एक दूसरे की थाह को जानो।

प्रेम की भाषा जीवन का आधार
प्रेम बढाओ ज्ञान बढाओ
भाइयों में मनमुटाव घटाओ
तभी भाइयों में समझदार भाई कहलाओ।

जब सुनने चले
भाइयों के झगड़े के किस्से
जन्म के बंधन उस पर भारी पड़े
मधुर रिस्ते खटास में बदले।

रिस्तो की डोर समझा करो
भाइयों को  आपस मे एक दूसरे के मामले 
सुलझाने में मदद करो 
खटास को दूर करो मीठी वाणी मुँह से बोलो।

भाइयों के रिस्ते
मधुर होने चाहिये
एक दूसरे के साथ
दुश्मन सा ब्यवहार नही निभाना चाहिये।

भाई भाई होता है
प्रेम की डोर कमजोर न करो
यदि कमजोर भाई होता है
तो दुश्मन को मौका मिलता है।

पडोशी भी हंसते है
जब भाई ,भाई से झगड़ते है
इसलिये समझदारी उसी में दिखती है
जो भाई को भाई से जोड़ती है।

भाई भाई एक बाप के बेटों हो
एक मां ने तुमको जन्मा है
सगे बन कर रहोगे
तो जीवन आनन्द से कटेगा।

तुम्हारे खुशी में  मां बाप की खुशी भी जुड़ी है
यदि तुममें ही मनमुटाव रहेगा
तो कैसे दिल मां बाप का खुश रहेगा
हम तो यही कहेंगे भाई हो भाई की तरह रहो।

अब झगड़ा किसी भाई में न होगा
दुःख एक दूसरे के साझा करेंगे
न किसी से लड़ेंगे न किसी से झगड़ेगे
तभी तो भाइयों का प्रेम दुनिया को सांझा करेगे।

और एक बात में कहूंगा
भाइयों के झगड़े में  भतीजो को 
यदि आना ही है तो मध्यस्त बन का आये
किसी का पक्ष न लेकर न्याय की बात किया करे।

यदि दुनिया इस तरह चलेगी तो भाइयों के झगड़े सुलझेगे
भाई अपनी बुद्धि का सदुपयोग कटु वचनों से बचने में करे
भाई भाई की तागत बन कर उभरे नाम सबका बराबर रखे
कोई छोटा न कोई बड़ा सब एक मां से जन्मे जो है।

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