शायरी जोशीली प्रेमी प्रेमिका वर्तालाभ/ shayri joshili premi premika vartalab hindi

शायरी जोशीली शायरी प्रेमी प्रेमिका वार्तालाब / Shayari joshi ki shayri premi  premika vartalab hindi

प्रेमी तुम हुस्न का दीदार न कराओ
      फिर भी हम खुश है
      हम ये समझ लेंगे 
      की आज अमावस्या की रात है।

प्रेमिका ये हुस्न तुम्हारे लिये है
तुम इसकी कीमत पहचानो
यह अमावश में भी
चाँद का दीदार कर देगा।

प्रेमी हम तो इतना जानते है
की तुम हमारे लिये बनी हो
हुस्न की बात छोड़ो
तुम तो पूरी 
हमारे लिये बनी हो

प्रेमिका समझ गये सनम
हम तुम्हारे लिये बने है
पर तुम भी तो कोई क्रिसमा
दिखलाओ आसमान से तारे तोड़ लाओ।

प्रेमी अरे जानेमन तारे भी तोड़ लेंगे
तुम कहो तो तुमारे लिये चाँद भी ले आएंगे
पर तुम हमारी बात मानो
मायके जाने से रुक जाओ।

प्रेमिका मायका जाना जरूरी है
वहां से तुम्हारे लिये
पैगाम ससुर का लेकर आएंगे
दिल दिया है तुमको हमने ससुराल की आधी दौलत भी देंगे।

प्रेमी दौलत हमको नही चाहिये
हमारी सारी दौलत तुम ही हो
प्यार भरपूर हमको दे देना
हम यही समझ लेंगे की ससुराल की दौलत आ गयी।

प्रेमिका घबराते क्यो हो
दौलत ससुराल में कुछ नही
मेरा ख्याल तो दिल से रखते हो
कुछ दिन पलको में बैठा कर रखो।

प्रेमी पलको में भी तुमको हम बैठाएंगे
दिल मे भी तुम को बैठाएंगे
तारीफ तुम्हारी हम रोज करेगे
बस दिन में एक नजर हमको देख लिया करो।

प्रेमिका एक नजर क्या
पूरी जिंदगी तुमको देखेंगे
तम्हे चेन की बाँसुरी नही  बजाने देंगे
जब तक पाजेब नयी लेकर नही देंगे।

       
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