डायविटीज, शुगर, मधुमेह के बारे मेंअक्सर पूछे जाने वाले लोगो के सवाल/ Question asked sometime regarding diabetij, ,sugar, madhumeh by people.

डायविटीज,शुगर, मधुमेह के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले लोगो के सवाल/ Question asked some time regarding diabetij sugar, madhumeh by people.



Q डायविटीज,शुगर,मधुमेह होने के क्या कारण है? और यह कितने प्रकार की होती है?

Ans  डायविटीज,शुगर, मधुमेह ये एक ही बीमारी है।डियाबिटीज होने के कारण भोजन में मीठे पदार्थों का अधिक लेना है।  जब शरीर मे शुगर की मात्रा तय मानक से अधिक हो जाती है। उसे डायविटीज कहते है। यह मुख्य तौर पर दो प्रकार की होती है टाइप 1 और टाइप 2 डियाबिटिज। अब डियाबिटिज को चार भागों में बांट
दिया गया है।                                                  

डियाबिटिज का पहला भाग                                   

टाइप 1 डियाबिटिज

टाइप 1 डियाबेटीज में इन्सुलिन अग्नाशय  प्रेंकियाज में बनता नही है। या इन्सुलिन बहुत कम मात्रा में बनता है। और इस वजह से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस अग्नाशय में इन्सुलिन नही बनने वाली  प्रकिर्या को किशोर डियाबिटिज कहा जाता है। यह 25 साल तक वालो में देखी जाती है। अभी तक इस बात का पता नही है कि ये क्यो होता है। पर इसको जेनेटिक माना गया है। ऑटो इम्मयून या वायरल इन्फेक्शन की वजह से भी ये हो सकता है। जिसमे कोशिकाये नष्ट हो जाती है। यह शरीर मे इम्मयून कोशिकाओं के आक्रमण की वजह से होता है। टाइप 1 में रक्त में शुगर लेबिल बढ़ जाता है। पिसाब ज्यादा आने लगती है। शरीर मे पानी की कमी हो जाती है। मरीज को कमजोरी हो जाती है। बहुत बार मरीज को हार्ट की समस्या भी हो जाती है। इस अवस्था मे मरीज को  इंजेक्शन के जरिये या दवा के जरिये  इन्सुलिन के लिये प्रेरित किया जाता है 

टाइप 2 डियाबिटिज                                        

इसमे कोशिकाये इन्सुलिन के प्रति विफल होती है। वे सही से अपना काम नही कर पाती है। इसका कारण
अग्नाशय  प्रेंकियाज में इन्सुलिन का कम बनना है। इसका कारण मोटापा व शारीरिक व्यायाम नही करना है। यह समस्या रोगियों में 40 साल की उम्र वालो पर देखने को मिलती है। जिससे मरीज के रक्त में शुगर का लेबिल बढ़ जाता है। मरीज को कमजोरी हो जाती है। प्यास बहुत लगती है।थकान बहुत होती है। डॉक्टर मरीज को इन्सुलिन का उत्पादन करने के लिये दवाईयां व इंजेक्सन देते है। दवाइया व इंजेकशन लेने से शुगर कंट्रोल हो जाती है। इस प्रकिर्या को वयस्क डियाबिटिक कहते है।

टाइप 3 डियाबिटिज                                                   
यह गर्भवधि डियाबिटिक होती है। यह महिलाओं में गर्भ की अवधि के दौरान पिछले ईतिहास को देखते हुए वजन बढ़ना है।

टाइप 4 डियाबिटिज

यह एक संकेटिक डियाबिटिज है इसमें कुछ दिन इलाज के बाद ठीक मरीज ठीक हो जाता है।
आजकल नोजवान भी इसकी चपेट में आ जाते है। नोजवानो के आने की मुख्य वजह गलत खानपान व  शारीरिक ब्यायाम का अभाव है।आजकल फ़ास्ट फ़ूड का चलन समाज मे बहुत बढ़ गया है।नोजवान इसका सेवन  खूब करते है। जिस कारण से वे मौटे हो जाते है। और ब्यायाम न कर पाने के कारण शरीर मे शुगर लेबिल बढा लेते है। कम पानी पीने से भी शुगर बढ़ जाती है। मोटापा भी शुगर की एक वजह है। कम नींद भी शुगर बढा सकती है। अनहेल्दी फ़ूड तो शुगर को बढ़ाता ही है।

Q   इन्सुलिन क्या होता है?

Ans  इन्सुलिन एक प्रकार का हार्मोन होता है। जो ग्लूकोज को एनर्जी में बदलता है।

Q शुगर और डियाबिटिज में अंतर क्या है ?

Ans  शुगर ग्लूकोज को कहते है। जो भोजन से हमे मिलता है। जब शरीर मे शुगर का स्तर बढ़ जाता है। तो उसे डियाबिटिक कहते है। शुगर डियाबिटिक मधुमेह ये सब एक ही है।

Q  शरीर मे शुगर का लेबिल कितना होना चाहिये?

Ans शरीर मे फास्टिंग शुगर लेबिल 120 और खाना खाने के 2 घंटे बाद 180 से कम होनी चाहिये। खाना खाने के बाद यदि 150 से कम रहती है तो यह बहुत बढ़िया है। फास्टिंग शुगर लेबिल 120 से कम रहती है। तो यह भी बहुत ठीक रहता है। जिन लोगो की शुगर खाना खाने के बाद 180 आ रही है। उन्हें अपने भोजन में सुधार की जरूरत है। वे ऐसा भोजन ले जिसमे शुगर की मात्रा कम हो।

Q डियाबिटिज या शुगर का टेस्ट कितने दिन में करना  चाहिये?

And शुगर का टेस्ट जब बड़ी हुई होती है तो उस समय तो बराबर कराते रहना चाहिये। लेकिन जब नियंत्रित हो जाती है। तब आप महीने से लेकर 3 महीने के बीच करा सकते है।आजकल शुगर की मशीनें बाजार में उपलब्ध है।आप घर पर भी शुगर का लेबिल चेक कर सकते है।

Q डियाबिटिज में आहार क्या होता है?

Ans डियाबिटिज में भोजन का आहार इस प्रकार होना चाहिये कि कार्बोहायड्रेट 60 प्रतिशत वसा 20 प्रतिशत प्रोटीन 20 प्रतिशत होना चाहिये।

Previous
Next Post »