Jivan main
जीवन अनमोल है। ये सब हम जानते है। क्या आपको पता है कि इस अनमोल जीवन के मायने क्या है। अनमोल जीवन के मायने यह है कि यह जीवन दुबारा मिलेगा की नही इस बात की कोई गारंटी नही है। यदि गलती से हमने जीवन को
अपनी गलत हरकत की वजह से गवा दिया । जीवन गवाना वाला तो चला जाता है।
पर अपने पीछे जो छोड़ जाता है।वही उसका जीवन होता है। यदि वो जीवन नही होता तो वो मर मर के कमा नही रहा होता । और यदि कमा भी रहा होता तो उसको दान भी कर सकता था।पर ये सब असंभव है।
जीवन जो हम आज जी रहे है वह।अपने से ज्यादा हम दूसरे के लिये जी रहे है। यदि ये दूसरे के लिये मनुष्य जिन बन्द कर दे तो सारी मुसीबत का अंत हो जाएगा।
जीवन अनमोल है।पर हम उसकी कीमत को पहचान नही पाते है। कारण स्वार्थ है।आज हर ब्यक्ति स्वार्थी हो गया है।बिना स्वार्थ के कोई काम नही करना चाहता है।
बाहर की बात तो छोड़ो गजर में भी कोई बिना मतलब के दूसरे के कार्य करना नही चाहता है। जीवन मे एक अजीब सा माहौल आजकल बना है।उसका एक कारण कामकाजी होना भी है।आज लोगो को कम भी बहुत है।हर ब्यक्ति कुछ न कुछ कमा लेना चाहता है।
तो समय तो किसी के पास है नही इसलिये वे चिड़चिड़े से हो गये है।आज समाज मे स्त्री हो या पुरुष, बच्चा हो या जवान सब की चाल ही अलग है।इस चाल को देने में हमारा ही योगदम है।कोई किसी का काम मतलब होने पर ही करना चाहता है।
यदि एक बार आपने किसी का काम नही किया तो पछताना पड़ेगा।अगली बार वो भी आपका काम नही करेगा।या परेशान करेगा।उल्टा जवाब देगा। चाहे वो आपका बेटा या बेटी या बहु ही क्यो न हो।नाती पोतों की तो बात ही अलग है। वे तो बिना मतलव के कुछ करेगे ही नही।जब तक उनको खर्च के पैसे आपसे मिलेंगे तभी तक काम करेंगे।
जीवन मे हम सब कुछ कमा सकते है पर जब बुढापा आता है ।उस समय की सेवा के लिये हर ब्यक्ति लगा है। भविष्य में कोई सेवा कर देगा।ये सब उस समय के लिये हर ब्यक्ति कर रहा होता है जब उसे लाचारी का डर सता रहा हो।
जीवन मे मनुष्य बहुत कुछ कमाता है जिसमे रुपया पैसा सम्मान सब कुछ फिर भी अंत मे वो जानता है कि उसे खाली हाथ ही जाना है फिर भी लगा है। लगे रहो ।लेकिन यदि कुछ पास है तो कुछ गरीबो में दान पुण्य भी करते जाओ।
अंतरिम समय यही दान पुण्य साथ जाना है। जिंदगी में कितना भी कमा लो।कितना भी जमा कर लो।कुछ नही होने वाला है।क्योंकि जिसके लिए तूने थूक लगा कर जोड़ा है।क्या पता कल वो या उसका बेटा दारू या जुआ में उस मेहनत की सम्पत्ति को बेच दे।
क्योकि उन्होंने उस धन सम्पत्ति को कमाने में मेहनत नही की वे उसका क्या मोल जाने।आज हम देख रहे है कि बहुतो के पूर्वजो ने जो सम्पत्ति बड़े तरीके से सम्भाल रखी थी।आज उनकी नयी पीढ़ी उसको बेच कर खा रही है।
बेचना तो ठीक है पर जो उस सम्पत्ति का गलत इस्तेमाल हो रहा है।जुआ, दारू पी जा रही है।उसका दोष उसके पितरो को लगेगा।जिसने उनके लिये वो धन सजोये रखा था।
जीवन मे बहुत कुछ है आप तो उसका लाभ लेते रहे। आप जीवन मे सामाजिक काम करके भी अपना नाम कमा सकते है। जीवन अनमोल है आप अपना कीमती समय फ़ालातू के गप्पत मारने में बर्बाद ना करे ।यडीआपके पास हुनर है।ज्ञान है। उसका लाभ आप समाज को दे सकते है।
आज ज्ञान के अभाव में बहुत से लोग कुछ नही कर पाते है। आप उनके पथ सहायक बन सकते है। आज बहुत से लोगो के पास देने को बहुत कुछ है पर जाग्रुपता के अभाव के कारण वे कुछ नही कर पाते है।इसलिये जगरूपता समाज मे बनाये रक्खे।
जीवन को शुरू कहा से करे।जीवन को सुंदर बनाने का तरीका स्कूल से शुरू होना चाहिये।स्कूल में उस तरह की आज शिक्षा की जरूरत है जो समाज को एक नई दिशा दे सके।
आज हमारे देश की आवादी में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। कुछ लोगो को तो चिता ही नही है वे ऊपर वाले के नाम से ओलाद पैदा करते रहते है।जिसको देखने वाला कोई नही है।आखिर कब हमे जाग्रुपता आएगी।