खुश रहने के मंत्र / khush rahane ke mantra

खुश रहने के 5 मंत्र / khush rahne ke 5 mantra hindi
खुश रहना कितना जरूरी है, ये इस बात से आप समझ सकते है कि जब सब कुछ होते हुए भी कोई ब्यक्ति गलत कदम उठाया करता है तो आप समझ लीजिए कि कही न कही कुछ हमारे अंदर गलत चल रहा है। हम उसका समाधान  तलाश करने में विफल रहे है। इसलिये हम अपनी जिंदगी से संतुष्ट नही है। 

इसमे हमारा भी एक अहम रोल है कि हमने अपनी जिंदगी को सब कुछ होते हुए भी यदि निराशा दी है, तो गलत कोंन है। गलत हम ही है ना क्योकि हमने निराशा का समाधान जो तलाश न करके अपने कर्तब्य
की ओर लगे है।

 एक निराश ब्यक्ति के हाथ अंत मे निराशा ही मिलती है। इसलिये जीवन मे निराश मत रहिये। जीवन मे निराश का मतलब है कि आप के लिये सब कुछ ब्यर्थ है। जीवन बहुत छोटा है।हमे अपना जीवन बहुत लंबा जान पड़ता है पर ये हमारी सबसे बड़ी भूल है।

जीवन तो बड़ा तब लगता है जब हम निराश होते है। जीवन से दुखी होते है। किसी बीमारी से तंग आ चुके होते है। उस समय हमें एक घंटा भी बहुत बड़ा लगता है। जब हम खुश होते है उस वक्त जीवन बहुत छोटा लगता है।दिन कब आया कब गया कुछ पता ही नही चलता है।

इसलिये जीबन को छोटा समझकर हर कार्य को मेहनत से करो। समय बिल्कुल बर्बाद न करे।जो लोग समय बर्बाद करते है। वे जिंदगी में पिछड़ जाते है।इसलिये समय की कीमत को समझो।

आज हम अपनी पोस्ट में समय को कैसे बिताये। ओर किस तरह हम खुश रह सकते है वही चीजे पोस्ट में समझने की एक कोशिश।

1 जीवन को खुश रखने के लिये सुबह की शुरुवात अच्छी तरह करने की कोशिश करे। सुबह किसी से झगड़ने से बचना चाहिये।

2 जीवन को खुश रखने के लिये जीवन को आसान बनाया जा सकता है। आप वही कार्य करे या करने की कोशिश करे। जिसे आप आसानी से कर सकते है। अपने ऊपर एक्स्ट्रा बोझ ना डाले। एक्स्ट्रा बोझ दुःखी का कारण बनता है। 

आप अपने बच्चे को वही पढ़ाये जहाँ की शुल्क आप आसानी से अदा कर सकते है। स्कूल का शुल्क अपने ऊपर बोझ नही लगना चाहिये। ये सब दुखः व निराशा का कारण बनते है। यदि आप अच्छे स्कूल में बच्चे का दाखिला नही कराते है तो भी थोड़ी निराशा होगी। 

लेकिन प्राइवेट स्कूल का  शुल्क न चुकाना एक बड़ी समस्या आपके साथ ही साथ बच्चे के लिये भी निराशा का कारण बनता है।इसलिये बच्चों का दाखिला सही स्कूल में करे और खुश खुद भी रहे और साथ ही बच्चों व परिवार को भी खुश रखे।

3 जीवन मे मुस्कराना जरूरी है। वेवजह ना मुस्कराए जब कोई खाश अपना या कभी बाहरी भी से मुलाकात होती है तो जरूर मुस्कराय। मुस्कराना से दुसरे  ब्यक्ति पर एक अलग फर्क पड़ता है। वह अपनी बात आपसे आसानी से कह सकता है और आप भी खुश रहते है।
  जीवन मे खुश व प्रसन्न रहना बहुत जरूरी है। यदि हम खुश रहते है तो जीवन अच्छा लगता है। यदि हम अपने जीवन को खुश नही रख पाते है तो जीवन एक बोझ लगता है। जब जीबन बोझ लगता है तो हम निराश हो जाते है। समय कटना भारी हो जाता है। 

इसलिये जीवन से निराशा को भगाओ। जीवन मे मुस्कराओजीवन मे खुश रहो। जीवन में प्रसत्र  रहो। यही तो खुश रहने का मंत्र है।

4 जीवन को  सकारात्मक बनाओ। हमेेशा  सकारात्मक जीवन जीने की कोशीश करे। जीवन को खुशहाल बनाने की कोशिश करे। हमेेशा  अच्छा सोच से काम करे। बुरी बातोंं को दिमाक में मत दोहराए। 

ना ही किसी से काटू वचन बोले।ये सब दिल दिमाक को दुखः  देते है ओर  खुुुसही की राह में रोड़ा है। हमे हमेेशा इस तरह के  कार्य करने  चाहिए जो दिल दिमाक सही रखते है। तभी हम प्ररसन्न रह सकते है।

5 जीवन को खुश रखने के लिये हमें ज्ञान बढाने चाहिये।अच्छी पुस्तकें , अच्छी सर्च करने चाहिये। रोजाना अखबार पढ़ना चाहिये। नकारात्मक चीजे नही पढ़नी चाहिये। टेलीविशन पर क्राइम सीन कम देखने चाहिये।अखबार में भी क्राइम  सीन को कम पढ़ना ठीक रहता है उतना ही पढ़े।जो जानकारी जरूरी है।

फालतू का दिमाक में बोझ न डाले।
अगर आप दिमाक में फालतू का बोझ डालेंगे तो कभी खुश नही रह सकते है।लेकिन हर जरूरी जानकारी जिंदगी में जरूर रखे। इससे जीवन जीना आसान होता है। समस्याओ को हम चुटकी में सुलझा सकते है। यदि हम ज्ञान जो जानकारी के रूप में होता है ।

हम उसको नही जान पाते है ओर फालतू चीजो में समय बर्बाद करते है तो मौका पाने पर हमें जब उस ज्ञान या इनफार्मेशन या सूचना या खबर की जरूरत होती है तो हम उस समय पिछड़ जाते है और समस्या में घिर जाते है।समस्या को सुलझा नही पाते है।

 इसलिये दुःखी होना पड़ता है। इसलिये प्रसन्न रहने के लिये ज्ञान जरूरी है।ये फालतू की बकवास और फालतू के सीरियल, फालतू के कार्टून काम नही आएंगे।आप जो जीवन मे जरूरी ज्ञान लेना है । उसको जरूर ले। यहीं ज्ञान आपको समय पर प्रसन्नता दिलाएगा।तब आप अपने को धन्य समझएगे।
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