मैं बहुत परेशान हु

मैं बहुत परेशान हु / Me bahut  preshan hu hindi



परेशानी बोल कर नही आती है वो कभी भी आ सकती है।परेशानी दो तरह से आती है। एक तो हम खुद परेशानी पैदा करते है दूसरे वह प्राकृतिक तरीके से आती है। दोनों से निपटा जा सकता है । बस साहस की जरूरत होती है।यदि आपमे साहस है तो आप कुछ भी कर सकते है। लेकिन साहस के बिना हम हार सी मान लेते है। हमे हार वहां माननी चाहिये जहाँ कोई नया रास्ता न दिखाई देता हो।यदि नया रास्ता दिख रहा है तो हार किस बात की आप उस ओर चले जाओ।सफलता जरूर मिलेगी। परेशान होने की जरूरत नही है।सफल होने की जरूरत है। यदि सफल होना चाहते हो तो परेशानियां गाहे बगाहे आती रहेगी।जीवन का नाम ही परेशानी है।जब परेशानी आएगी तभी तो हमे अपने कार्यो का मूल्यांकन करने का मौका मिलेगा।तभी तो हम अपने कार्यो को समझ पाएंगे। तभी तो हमे अपने कार्यो से संतुष्टि मिलेगी।यदि दुखः परेशानी नही आएगी तो हम अपने कार्यो की कीमत को नही पहचान पाएंगे। जीवन एक जरूरत का नाम है। जरूरत एक ऐसी चीज है कि हमे उसके आगे झुकना पड़ता है।यदि हम किसी के आगे सोचते है कि नही झुकेंगे लेकिन जब जरूरत पड़ती है तब हमें झुकना ही पड़ता है। जरूरत क्या है । जरूरत एक आवश्यक्ता है।जिसके बिना हमारा काम नही चल पाता है।समझो हमे पानी की जरूरत है और पानी हमारे पास नही है और आसपास मिलने की संभावना नही है।लेकिन एक है जिसके पास पानी है पर हम उससे बात नही करते है।या हम उससे बात करना पसंद नही है।लेकिन जब आवश्यक्ता पड़ेगी तो हमे उससे बात अपनी आवस्यकता के लिये करनी पड़ेगी। हमे उससे किसी तरह से पानी सीधे या दूसरे तरीके से मांगना ही पड़ेगा। यही आवस्यकता।




 परेशान  को कैसे दूर करे / Pareshani ko kese dur kare hindi

में  परेशान हु यह सोच कर हाथ बन्द कर ना बैठ जाये। कुछ ना कुछ करते रहे। ज्यादा सोचे नही। ज्यादा सोचना चिंता का कारण बन सकता है। ज्यादा सोचने से आप बीमार हो सकते है।जब भी परेशान हो भोजन को कभी भी ना त्यागे।शरीर को फिट रखे।तभी आप आगे बढ़ सकते है। दुसरो की मदद लेने में शर्म व झिझक मत करे।जो शर्म या झिझक करेगा।वो अपने कार्य मे पीछे रह जायेगा।आप तो आगे बढ़ो। परेशानी से घबराओ मत। बेझिझक आगे बढ़ो।यदि आप स्त्री है तो आगे बढ़ने में पुरुषो का साथ ले सकते हो।यदि आप पुरुष है तो किसी महिला का साथ फायदेमंद हो सकता है।

परेशान  में साहस महत्वपूर्ण / Pareshani me saja mahatwapurn hindi

में परेशान हु जब भी आप ये सोचते हो आप हर कदम पर साहस का परिचय दो।जब आप साहस का परिचय दोगे।तभी समस्या का अंत संभव है अन्यथा समस्या आगे बढ़ती जयेगी और आप जीवन मे परेशान रहोगे।जीवन मे जितनी परेशानी आती है । मनुष्य उतना ही मजबूत होकर निकलता है।जब वह एक समस्या से निकलता है फिर दूसरी समस्या आती है तो उसे मजबूती से आगे बढ़ना चाहिये।बल्की वह पहले से और ज्यादा मजबूती से आगे बढ़ता है। जिंदगी में जब भी परेशानी आती है घवराये नही।घबराने में मनुष्य कमजोर हो जाता है। उसके इरादे कमजोर हो जाते है।इसलिये जिंदगी में कभी परेशान नही होना चाहिये।यही परेशानी कम करने का मूल मंत्र है।

 परेशानी में गलत विचारो से दूर /  Pareshani me galat vicharo se dur hindi

बहुत से लोग जब परेशान होते है तो उनके मन मे गलत विचार आ जाते है । कुछ तो आत्म हत्या कर बैठते है।आत्म हत्या करना पाप है।ऐसा कभी ना सोचे।हर समस्या का जीवन मे समाधान है।कभी आप सोचते हो कि मेरी तो इज्जत ही नही क्या करूँ।उसके वो गलत कदम उठा लेते है। यह विल्कुल गलत है। ऐसा कभी नही करना चाहिए।परेशानी आती है समाधान भी है।यदि आप ज्यादा परेशान है तो अपने घर को छोड़कर किसी सुरषित स्थांन पर जाकर अपना मन लगाए।काम करे ।पर परिवार को हर जानकारी देते रहे। दुनिया बहुत बड़ी है।आप अपना पेट तो पाल ही सकते हो । तो बुरे विचार क्यो मन मे लाना है। सोच समझ कर काम करो।खुद अपने  भाग्य के बिधाता बनो।यही ठीक रहेगा। समाज भी सम्मान देगा। परेशानि भी कम होगी।

परेशानी में मेहनत से पैसा कमाए / Pareshani me mehnat se pesa kamaye hindi

जब भी आप परेशान रहते है। आप अपना काम ठीक ढंग से करे।रुपयो की समस्या है तो उसे मेहनत से दिनरात एक करके दूर करो। ज्यादा रुपयो पेसो की जरूरत है तो कर्ज ले।कर्ज लेने में मकान गिरवी रखने में शर्म ना करे।बस उस कर्ज को ईमानदारी से चुकता कर दे।बेमानी ना करे।जितना हो सके समय पर कर्ज चुकता करने की कोशिश करे। समाज मे आपने को कर्ज चुकता न करने की वजह से नीचा  न होने दे। सम्मान बनाये रखे।जिन लोगो ने आपकी मदद जरूरत पर की है। उनको नही भूलना चाहिये।जब उनकी जरूरत हो आप भी उनकी मदद कर दे।

बीमारी में  परेशान न हो/ Bimari me pareshan nhi ho hindi

जब भी आप किसी बीमारी से परेशान रहते है । चिंता न करे। दुनिया मे हर चीज का समाधान है।आप तो बेफिक्र होकर अपना इलाज, परहेज करें। सकारात्मक सोचे।यह सोचे कि जो कुछ भी दुनिया मे बना है। वह सब ईस्वर की कृपा से बना है।और किस चीज को कैसे रखना है। वह सब भी ईस्वर पर ही निर्भर है।कब किसको बीमार रखना है कब किसको सुखी रखना है । यह सब ईस्वर की फ़ाइल में है।हमने जैसे कर्म किये है वैसा ही फल हमको मिलने वाला है।
यदि अच्छा किया कितने दिन अच्छा किया वो सब लेख जोखा है। उस पर दुनिया चल  रही।परमात्मा की बिना तो एक पत्ता भी हिल नही सकता है। इसलिये जब परेशान रहते है। तो चिता न करे। इसे ईस्वर का आदेश समझकर अपना काम और कर्म निरन्तर करते रहे।











Previous
Next Post »